By: Ashok Kumar
भारत के संविधान का अनुच्छेद 112 कहता है कि प्रत्येक वित्तीय वर्ष के लिए सरकार को संसद में वार्षिक वित्तीय विवरण पेश करना होगा. इसी वार्षिक वित्तीय विवरण को हम बजट कहते हैं. प्रत्येक वर्ष, फरवरी महीने के पहले कार्य दिवस को बजट सदन में प्रस्तुत किया जाता है. चुनावी वर्ष में सरकार पहले अंतरिम बजट पेश करती है. फिर आम चुनाव के बाद नई सरकार पूर्ण बजट पेश करती है. वित्तीय वर्ष 2024–25 का पूर्ण बजट केंद्रीय वित्त मंत्री ने 23 जुलाई को लोकसभा में पेश किया.
बजट 2024-25 से जुड़ी जानकारी आप लोगों ने किसी-न-किसी माध्यम से प्राप्त की होगी. लेकिन क्या आपको यह जानकारी प्राप्त हुई कि जनजातीय लोगों से जुड़े कार्यों पर कितनी राशि खर्च की जाएगी ? गत बजट घोषणाओं की स्थिति क्या है? जितनी राशि जनजातीय लोगों से जुड़े कार्यों पर खर्च करने की घोषणा की गई थी, क्या वाकई उतनी राशि खर्च हुई है ? आइए इन सवालों के उत्तर ढूंढते हैं.
जनजातीय मंत्रालय बजट
अगर आप मंत्रालय-वार आँकड़े देखेंगे तो जनजातीय मंत्रालय को इस बार के बजट में 13000 करोड़ की राशि आवंटित की गई है. आप कहेंगे 48 लाख करोड़ रूपए का बजट और जनजातीय मंत्रालय को सिर्फ इतनी कम रकम! ऐसा क्यों ? दरअसल बात ऐसी है कि किसी भी मंत्रालय को सिर्फ उन कार्यों के लिए धनराशि दी जाती है जो उनके अधीन संचालित किये जा रहे होते हैं. जैसे जनजातीय मंत्रालय को ‘एकलव्य मॉडल आवासीय स्कूल योजना’ के लिए इस बजट में 6399 करोड़ रूपए देने की घोषणा की है.
लब्बोलुआब यह है कि जनजातीय मंत्रालय के आलावा दुसरे मंत्रालय भी अनुसूचित जनजाति के लोगों के लिए काम करते हैं. जैसे उदाहरण के लिए आयुष्मान भारत योजना को देख लीजिये. इस योजना का क्रियान्वयन तो स्वास्थ्य मंत्रालय करता है. लेकिन इसका फायदा अनुसूचित जनजाति के लोगों को भी मिलता ही है.
तो जब बात आती है कुल खर्च की गई राशि जानने की तब सभी मंत्रालयों के द्वारा खर्च की जाने वाली उस राशि को निकाल कर जोड़ देते हैं जिससे जनजातीय लोगों का हित हो रहा हो.
अतीत में हुए भेदभाव को दूर करने का प्रयास
जनजातीय लोगों के साथ अतीत में हुए भेदभाव को दूर करने के लिए कई नीतिगत कदम उठाए गए हैं . उन्हीं में से एक है जनजातीय उप-योजना (टीएसपी). इस योजना का प्रमुख उद्देश्य यह था कि जनजातीय लोगों के साथ हुई विकास वंचना को समग्र रूप में संबोधित किया जाए. वर्ष 2017 से टीएसपी को डीएपीएसटी (Development Action Plan for STs) के नाम से जाना जा रहा है. डीएपीएसटी में करीब 46 मंत्रालयों और केन्द्रशासित प्रदेशों के लिए आवंटित किये गए धन में से जनजातीय लोगों के लिए खर्च होने वाले धन का विवरण रखा जाता है. नीचे दी गई तस्वीर को देखें-
संदर्भ- इस चित्र को सरकार द्वारा बजट के समय पेश किये गए विवरण 10 ख को आधार बनाकर तैयार किया है. इसमें BE का अर्थ है बजट अनुमान. A का अर्थ है वास्तविक आँकड़े और RE का अर्थ है संशोधित अनुमान.
बजट 2024-25 को देखें तो केंद्र सरकार ने 124909 करोड़ रूपए जनजातीय लोगों से जुड़े कार्यों पर खर्च किये जाने की घोषणा की है. वहीं वर्ष 2023-24 के बजट में 119796 करोड़ रूपए खर्च करने की घोषणा की थी. इस बार के बजट में पिछले बजट की इस राशि को संशोधित कर 109242 करोड़ रूपए कर दी है.
आपको बता दें कि हर बजट में तीन वर्ष के आँकड़े पेश किये जाते हैं. आगामी वित्तीय वर्ष के अनुमान, मौजूदा वित्तीय वर्ष के संशोधित अनुमान और पिछले वर्ष के वास्तविक आँकड़े.
थोडा और गोता लगाते हैं. बजट 2024-25 में कृषि एवं किसान कल्याण विभाग को 122529 करोड़ रूपए आवंटित किये हैं. उसमें से 10718 करोड़ रूपए जनजातीय लोगों से जुड़े कार्यों पर खर्च किये जाने का अनुमान लगाया है. इस बार के बजट में राष्ट्रीय आयुष मिशन के लिए 1200 करोड़ रूपए की धनराशि आवंटित की है, इसमें से 60 करोड़ रूपए जनजातीय लोगों के लिए खर्च किये जाएंगे.